‘आधारशिला’ की जीतेंद्र, ऋषि
कपूर, मुमताज, तनूजा, जूही चावला और दारा सिंह को पदम पुरस्कार देने की अपील
नयी
दिल्ली,16 सितम्बर 2016, लेखकों, पत्रकारों और कलाकारों की प्रसिद्ध संस्था ‘आधारशिला’ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को
पदम पुरस्कारों में पारदर्शिता लाने के लिए बधाई देते हुए उनके इस कार्य की सराहना
की है. साथ ही ‘आधारशिला’ ने भारत सरकार से दारा सिंह,शम्मी कपूर,जीतेंद्र, और ऋषि कपूर के साथ
अभिनेत्री तनूजा, मुमताज और जूही
चावला को पदम् पुरस्कारों से सम्मानित करने की अपील की है. संस्था के अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार तथा
जाने माने फिल्म समीक्षक श्री प्रदीप सरदाना ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और
गृहमंत्री से पत्र लिखकर कहा है कि पदम पुरस्कारों के लिए इस वर्ष कुछ ऐसे
कलाकारों को भी याद कर लिया जाए जिन्होंने अपनी कला से अपार योगदान दिया है.फिर भी
उन्हें अभी तक पदम् विभूषण या पदम् भूषण तो दूर पदमश्री तक नहीं मिला.
श्री
सरदाना ने यह भी लिखा है कि भारत सरकार सन 1954 से 2016 तक कुल 2679 व्यक्तियों को पदमश्री पुरस्कारों से
सम्मानित कर चुकी है.लेकिन इन 62 बरसों में बहुत से
ऐसे फिल्म कलाकार पदम पुरस्कारों से गौरान्वित होने से रह गए हैं जिन्हें यह
सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था. इनमें विश्वप्रसिद्द पहलवान और अभिनेता दारा
सिंह और अपने अनूठे अंदाज के लोकप्रिय अभिनेता शम्मी कपूर तो यह सम्मान पाए बिना
ही इस दुनिया से विदा हो गए. उधर जाने माने
वरिष्ठ अभिनेता जीतेंद्र, तनूजा, मुमताज, ऋषि कपूर और जूही
चावला अपनी बरसों की कला साधना के बावजूद देश के इस बड़े सम्मान से दूर हैं. जबकि इनसे कई जूनियर और कुछ साधारण कलाकारों को भी पदम
पुरस्कार मिल चुके हैं.
पहलवानी और शक्ति का पर्याय बन चुके तथा अपनी कुश्तियों में अपने समय के सभी पहलवानों को हराकर विश्व विजेता बन चुके रुस्तम-ए-हिन्द दारा सिंह तो सही मायने में भारत रत्न के हकदार रहे लेकिन सरकार ने उन्हें हमेशा भुला दिया.जबकि दारा सिंह ने 1952 से लेकर 2011 तक लगभग 215 फिल्मों में अभिनय करके और 7 फिल्मों का निर्देशन करके फिल्म संसार को भी अपना अपार योगदान दिया. साथ ही ‘रामायण’ जैसे सीरियल में हनुमान बनकर टीवी की दुनिया में भी अपनी अमिट छवि बनायीं. वह भाजपा के राज्यसभा सासंद भी रहे.
उधर फिल्म जगत के सबसे बड़े कपूर परिवार पर भारत सरकार यूँ तो काफी मेहरबान रही. पृथ्वीराज कपूर,राज कपूर और शशि कपूर तीनों को पदम भूषण पुरस्कारों से नवाजा गया. साथ ही तीनों को दादा साहेब फाल्के भी मिला.लेकिन इस खानदान के दो अनुपम सितारे शम्मी कपूर और ऋषि कपूर को पदमश्री तक न मिलना बेहद खलता है. शम्मी कपूर का योगदान इसलिए भी अहम् है कि उन्होंने भारतीय सिनेमा के नायक को परंपरागत छवि से निकालकर उसे मस्त मौला बनाया. सन 1953 से अपना फिल्म करियर शुरू करने वाले शम्मी कपूर ने 58 बरस फिल्मों में काम करके करीब 100 फिल्मों में यादगार भूमिका की. साथ ही ऋषि कपूर को भी फिल्मों में काम करते हुए 43 बरस से भी ज्यादा हो गए हैं.सन 1973 से ‘बॉबी’ फिल्म से अब तक की उनकी अभिनय यात्रा में लगभग 130 फिल्मों में काम करते हुए ऋषि कपूर ने एक से एक यादगार भूमिका की है. इनके अलावा जीतेंद्र जैसे वरिष्ठ फिल्म अभिनेता जो अब 74 साल के हो गए हैं और 1959 से अब तक करीब 175 फिल्मों में काम कर चुके हैं. अपनी बालाजी टेलेफिल्म्स के माध्यम से भारतीय टेलीविजन की दुनिया में नयी क्रांति का बड़ा श्रेय भी उन्हें जाता है. लेकिन जीतेंद्र को भी अभी तक कोई भी पदम् पुरस्कार नहीं मिला है. जबकि 72 साल की हो चुकी तनूजा, 1952 से फिल्मों में काम करते हुए 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुकी हैं. उधर कई यादगार फिल्मों की दिलकश अदाकारा मुमताज भी करीब 100 फिल्मों में काम करते हुए अब 69 वर्ष की हो गयी हैं. जूही चावला भी फ़िल्मी दुनिया की एक ऐसी खूबसूरत अभिनेत्री हैं जिन्होंने लगभग 100 फिल्मों की अपनी अब तक की फिल्म यात्रा में कई शानदार फ़िल्में दी हैं.लेकिन ये सभी अभी तक पदम् पुरस्कारों से दूर हैं.
‘आधारशिला’ के सम्बन्ध में- लेखकों,पत्रकारों और कलाकारों की संस्था ‘आधारशिला’ सन् 1982 से कला, संस्कृति और कलाकारों को प्रोत्साहित व सम्मानित करने के लिए जुटी है। ‘आधारशिला’ द्वारा प्रस्तुत और पुरस्कृत कई कलाकार आज अपने अपने क्षेत्र में लोकप्रिय और स्थापित हैं। जिनमें से कई कलाकारों को ‘आधारशिला’ ने ही पहली बार विशाल मंच प्रदान किया। साथ ही ‘आधारशिला‘ छिपे हुए और उभरते हुए कलाकारों के साथ स्थापित कलाकारों को भी सम्मानित करती रहती है। पिछले वर्षों में उस्ताद बिस्मल्लाह खान, बिरजू महाराज, अनिल बिस्वास, ताराचंद बड़जात्या, बी आर चोपड़ा, रामानंद सागर,सुरेन्द्र प्रताप सिंह, कमलेश्वर, अशोक चक्रधर, सुरेन्द्र शर्मा,देवकी नन्दन पांडे, शुभा मुद्गल, एस एम जहीर, असावरी पवार और सरोजा वैद्यनाथन जैसे बहुत से कलाकार आधारशिला एवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।
‘आधारशिला’ के मंच से इन्हें आधारशिला पुरस्कार
डा. शंकर दयाल शर्मा, श्री चंद्रशेखर, श्री इंद्र कंमार गुजराल, श्री एच के एल भगत, डा. साहिब सिंह
वर्मा,डा. भाई महावीर और डा.कर्ण सिंह जैसी महान विभूतियों ने प्रदान किया।
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